शुक्रवार को देहरा में पुराने और नाराज कार्यकर्त्ताओं का मिलन समारोह आयोजित होने जा रहा है, जिसने हिमाचल प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश धवाला द्वारा बुलाई गई इस बैठक को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। माना जा रहा है कि यह बैठक पार्टी के भीतर की नाराजगी और उपेक्षा के शिकार कार्यकर्त्ताओं को एक मंच पर लाने का प्रयास है। दरअसल राज्यसभा सीट के चुनाव के बाद जहां लगातार गर्माहट महसूस की गई। कांग्रेस से आए नेताओं को एडजस्ट करने के चक्कर में डिस्टर्ब हुए हलकों में से देहरा भी एक है।
रमेश धवाला ने कहा कि यह बैठक किसी सामान्य चर्चा का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा, “मीडिया थोड़ा इंतजार करे, जल्द ही बड़े धमाके होंगे।” सूत्रों के अनुसार तीसरे मोर्चे के गठन की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। बैठक में कुछ ऐसे नेता भी पहुंच सकते हैं जो भाजपा से नाराज होकर कांग्रेस में चले गए थे। धवाला ने इस पर कहा कि जब बड़े नेताओं का कोई दीन-मजहब नहीं है तो छोटे नेता भी किसी भी पार्टी में जा सकते हैं।” यह भी पता चला है कि इस बैठक में वे कार्यकर्त्ता शामिल होंगे, जिन्हें पार्टी में उपेक्षित महसूस किया जा रहा है।
खासतौर पर देहरा क्षेत्र के नेता और कार्यकर्त्ता, जहां धवाला के समर्थकों को मंडलाध्यक्ष पद देने से इन्कार कर दिया गया था, इस बैठक में अपनी नाराजगी जाहिर कर सकते हैं। पार्टी के पुराने कार्यकर्त्ता और धवाला समर्थक यह मानते हैं कि भाजपा ने कांग्रेस से आए नेताओं को तरजीह देकर पुराने कार्यकर्त्ताओं की अनदेखी की है। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों और तीन निर्दलीयों ने भाजपा को समर्थन दिया, जिसके बाद उन्हें संगठन में प्रमुख स्थान मिला। इससे पुराने कैडर में असंतोष बढ़ गया है।
देहरा बना हलचल का केंद्र
देहरा में चल रही उथल-पुथल ने इसे हिमाचल की राजनीति का केंद्र बना दिया है। शुक्रवार की बैठक के शैड्यूल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देहरा अब राजनीतिक संघर्ष का एपिक सैंटर बनने वाला है।