चीन ने नाबालिगों के वीडियो गेम खेलने पर लगाए सख्त प्रतिबंध देखें पूरी खबर

चीन ने नाबालिगों के ऑनलाइन गेम खेलने पर सख्त पाबंदियां लागू की हैं, लेकिन बच्चे इन प्रतिबंधों से बचने के लिए नई-नई तरकीबें खोज लेते हैं। यह स्थिति ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों के लिए भी महत्वपूर्ण सबक है, जहां सोशल मीडिया और गेमिंग के उपयोग पर नियंत्रण बढ़ाने की योजनाएं बनाई जा रही हैं। चीन ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए वीडियो गेम खेलने के समय को बेहद सीमित कर दिया है।

 2019 के नियम
– सप्ताह के दिनों में रोज़ाना 90 मिनट।
– सप्ताहांत और छुट्टियों में 3 घंटे।
– रात 10 बजे से सुबह 8 बजे तक खेलना पूरी तरह प्रतिबंधित।

 2021 के संशोधन 
– केवल शुक्रवार, शनिवार, रविवार, और सार्वजनिक छुट्टियों पर, वह भी रात 8 से 9 बजे तक खेल की अनुमति।

2023 का विस्तार 
– इन नियमों को वीडियो-शेयरिंग साइट्स, लाइव स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया पर भी लागू किया गया।
पाबंदियों को लागू करने के उपाय 
चीनी सरकार और टेक कंपनियां नियमों के अनुपालन के लिए तकनीकी समाधान लागू कर रही हैं कि  खिलाड़ियों को अपना वास्तविक नाम और पहचान पत्र प्रस्तुत करना होता है।  कुछ गेम प्लेटफॉर्म में चेहरे की पहचान के जरिए आयु सत्यापित की जाती है। इसके अलावा मोबाइल डिवाइस निर्माता और ऐप स्टोर ने ‘माइनर मोड’ लॉन्च किया, जो नाबालिगों के गेमिंग समय को सीमित करता है।

चीन में सख्त नियमों के बावजूद नाबालिग इनसे बचने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते हैं जैसेः-

– वे फर्जी अकाउंट बना रहे हैं और  बड़े रिश्तेदारों या दोस्तों के नाम पर अकाउंट पंजीकृत कर रहे हैं।
– प्रतिबंधों से बचने के लिए बच्चों को अकाउंट किराए पर दिए जाते हैं।
– चेहरे की पहचान तकनीक को बड़े लोगों की तस्वीरों से मात देना।
– इन उपायों ने गोपनीयता और सुरक्षा चिंताओं को जन्म दिया है।
– अकाउंट किराए पर लेने की प्रक्रिया में ठगी के कई मामले सामने आए हैं।
– एक घटना में, लगभग 3,000 नाबालिगों से 86,000 युआन (लगभग $18,500) ठगे गए।

 

ऑस्ट्रेलिया के लिए सबक 
ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग पर पाबंदी लगाने का विधेयक पारित किया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के अनुभव से सीख लेते हुए ऑस्ट्रेलिया को अपने उपायों को अधिक व्यावहारिक और सुरक्षित बनाना चाहिए। चीन के अनुभव से पता चलता है कि नाबालिगों के ऑनलाइन गतिविधियों पर पूरी तरह पाबंदी लगाना न केवल अप्रभावी हो सकता है, बल्कि इससे नए जोखिम भी पैदा हो सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों को इनसे बचने के लिए समग्र और सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

 

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