पंजाब की अमन-शांति, तरक्की और खुशहाली की दुश्मन ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देंगे-मुख्यमंत्री

पटियाला, 26 जनवरी: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब की दुश्मन ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देने का संकल्प लेते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि अमन-शांति, सांप्रदायिक सद्भावना, एकता और भाईचारे में विघ्न डालने के मंसूबे किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दिए जाएंगे।
आज यहां के पोलो ग्राउंड में 76वें गणतंत्र दिवस मौके समारोह दौरान राष्ट्रीय तिरंगा फहराने के बाद सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब गुरुओं, पीरों-फकीरों, संतों-महापुरुषों और शहीदों की धरती है जो हमेशा भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भावना की महान मूल्यों के लिए मानवता का मार्गदर्शन करती है। उन्होंने कहा कि राज्य में बहुत मेहनत से अमन-शांति हासिल की है और उनकी सरकार किसी को भी शांति भंग करने की इजाजत नहीं देगी। भगवंत सिंह मान ने इस नेक कार्य के लिए लोगों का सहयोग मांगा ताकि राज्य की शांति, तरक्की और खुशहाली को नुकसान पहुंचाने की साजिश रचने वाले दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।
मुख्यमंत्री ने फूट डालने वाली ताकतों की निंदा करते हुए कहा कि उनके सांप्रदायिक विभाजन के मंसूबे किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब में सामाजिक एकता की जड़ें इतनी गहरी और मजबूत हैं कि राज्य की उपजाऊ जमीन में कुछ भी पैदा किया जा सकता है लेकिन यहां नफरत के बीज नहीं पनप सकते। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हालांकि राज्य में बड़ी कोशिशों से हासिल की गई अमन-शांति में कुछ लोग विघ्न डालने की कोशिशें कर रहे हैं लेकिन इसके जवाब में पंजाबियों ने आपसी मेलजोल, सद्भावना और एकता की डोर को और मजबूत किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहब डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नेतृत्व में हमारे पूर्वजों द्वारा तैयार किया गया संविधान वर्ष 1950 में आज के दिन लागू होने से भारत प्रभुसत्ता संपन्न, समाजवादी, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बना। उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए वास्तव में गर्व के पल थे क्योंकि हमें वोट देने के अधिकार का उपयोग करने की ताकत मिली, जिससे हमारे पूर्वजों द्वारा ‘लोगों की, लोगों के लिए और लोगों द्वारा’ सरकार का देखा सपना पूरा करने का मौका मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 75 वर्षों दौरान हर गुजरते दिन के साथ देश में लोकतंत्र मजबूत हुआ है क्योंकि देशवासियों ने लोकतांत्रिक मूल्यों में अटूट विश्वास का प्रदर्शन किया और बिना किसी भय के मतदान कर स्पष्ट फैसला दिया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीयों खासकर पंजाबियों ने देश की कड़ी मेहनत से हासिल की प्रभुसत्ता को किसी भी तरह के खतरे का डटकर सामना किया है। उन्होंने कहा कि हमारे बहादुर देशभक्तों ने देश की शान और प्रभुसत्ता की रक्षा के लिए 1947, 1962, 1965, 1971 की जंग और फिर कारगिल युद्ध दौरान देश की रक्षा के लिए महान कुर्बानियां दी हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हम सभी के लिए यह बहुत ही गर्व और संतोष की बात है कि पंजाबियों को हमारे महान सिख गुरुओं से बलिदान और देशभक्ति का अद्वितीय जज्बा विरासत में मिला है, जिन्होंने हमें जुल्म, अत्याचार और अन्याय के खिलाफ लड़ने का उपदेश दिया है। एक स्वतंत्र और प्रभुसत्ता संपन्न भारतीय गणराज्य का हमारे पूर्वजों द्वारा देखा गया सपना देशवासियों द्वारा शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई दौरान दी गईं अनगिनत कुर्बानियों के कारण पूरा हुआ। भगवंत सिंह मान ने कहा कि भारत के राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में पंजाबियों द्वारा दी गईं बेमिसाल कुर्बानियों को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।

 

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